स्कूल मर्जिंग के विरोध में प्रोटान शिक्षक संघ द्वारा काली पट्टी बांधकर किया गया राज्यव्यापी प्रदर्शन
रॉबर्ट्सगंज, सोनभद्र।
प्रोटान शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश शाखा सोनभद्र के बैनर तले आज तीसरे दिन भी सोनभद्र सहित प्रदेश के समस्त जनपदों में विद्यालय विलय (स्कूल मर्जिंग) नीति के खिलाफ शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया।
संगठन ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि सरकार को इस जनविरोधी नीति को तत्काल वापस लेनी चाहिए। यह प्रदेश के नौनिहालों के साथ घोर अन्याय वाली नीति है। विद्यालय बंद करना सीधे शिक्षा से वंचित करना है।
संघ के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने कहा कि विद्यालयों का मनमाना विलय न केवल शिक्षकों के हितों के खिलाफ है, बल्कि इससे ग्रामीण अंचलों में शिक्षा व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और स्कूलों की संख्या कम होने से बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ सकता है,और शिक्षकों की भूमिका भी प्रभावित होगी।
प्रोटान शिक्षक संघ का स्पष्ट मानना है कि यह नीति "सार्वभौमिक,अनिवार्य एवं निशुल्क: शिक्षा" के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है और इससे प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा प्रणाली को गहरा नुकसान पहुंचेगा।
संगठन ने मांग किया कि इस मर्जिंग की नीति को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए संसाधनों की संख्या बढ़ाई जाए ना कि विद्यालयों को बंद किया जाए। यदि हमारी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया, तो आगामी दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा और प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
प्रोटान जिला अध्यक्ष सोनभद्र अनिल सिंह और मंडल संयोजक डॉ श्याम सुंदर प्रजापति व अन्य शिक्षकों ने कहा RTE act 2009 और शिक्षा के मौलिक अधिकार का खुला उल्लंघन है। इस मर्जर को जबरदस्ती लागू करके प्रदेश सरकार बच्चों के शिक्षा व्यवस्था को कमजोर बना रही है, जिसका हम घोर विरोध करते हैं,
प्रोटान शिक्षक संघ के जिला पदाधिकारी, राम मूर्ति, सुरेन्द्र सिंह, रबीन्द्रनाथ चौधरी, नंदकिशोर, विद्या प्रसाद, उमा पटेल, संगीता निगम, कमलेश कुमार विश्वकर्मा, महेंद्र गौतम, रमेश सिंह, यक्ष पाल सिंह, खड़ग वीर, श्याम,अजय कुशवाहा, सूरज, बिहारी,धर्मेंद्र यादव, प्रेम पटेल, अजीत प्रजापति, ज्ञान प्रकाश एवं अन्य ने प्रमुख रूप से काली पट्टी आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे।