हरतालिका तीज
भाद्रपद की शुक्ल पक्ष तृतीया को,
सुहागन महिलाएं तीज व्रत रखती हैं।
स्वस्थ, दीर्घायु,समृद्ध रहें पति उनके,
निर्जला,निराहार शिव-पार्वती पूजन करती हैं।
प्रदोष काल में शिव-पार्वती पूजा को,
सुख समृद्धि प्रदायक सदा मानते।
वस्त्र, पुष्प, धूप,दीप,नैवेद्य चढ़ाकर,
इच्छापूर्ति तीज पर्व का रूप जानते।
इस तीज व्रत का बड़ा माहात्म्य ,
तारों में शशि,वर्णों में ब्राह्मन है।
वेदों में साम, देवों में भागीरथी सा,
पुराणों में महाभारत,इंद्रियों में मन है।
माँ पार्वती की सतत घोर तपस्या से,
भगवान भोलेनाथ पूर्ण किए कामना।
चंदमौलि, शिवशंकर आराधना से प्रसन्न हो,
आज भी भक्तों की पूर्ण करते याचना।
कवि चंद्रकांत पांडेय,
मुंबई / महाराष्ट्र,
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