महिला को मिला नया जीवन, बाल शिक्षा विकास ट्रस्ट बना सहारा
रिपोर्टर :- प्रमोद गौड़
पता :- जोधपुर
जोधपुर, मथुरादास माथुर अस्पताल,
एक गरीब महिला, जो पिछले 7 दिनों से अपने 9 वर्षीय बेटे के साथ अस्पताल में ऑपरेशन के इंतजार* में थी, आखिरकार राहत की सांस ले सकी — और इसका श्रेय जाता है बाल शिक्षा विकास ट्रस्ट के मानवीय प्रयासों को।
महिला मूल रूप से *मध्यप्रदेश की रहने वाली है और पिछले 7 वर्षों से संगरिया फांटा क्षेत्र में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही थी। कुछ दिन पहले वह सब्जी लेने गई थी, तभी अचानक एक स्विफ्ट कार ने उसे और उसके बच्चे को टक्कर मार दी। दुर्घटना में दोनों को गंभीर चोटें आईं और उन्हें एमडीएम अस्पताल, जोधपुर में भर्ती करवाया गया।
आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर होने के कारण महिला ऑपरेशन का खर्च नहीं उठा पा रही थी। तभी अक्षय प्रकाश गौड़ निगरवाल ने मानवता का परिचय देते हुए मदद का बीड़ा उठाया। उन्होंने कुछ संस्थाओं से सहयोग के लिए संपर्क किया, लेकिन औपचारिक प्रक्रिया और मीटिंग के इंतजार में कोई ठोस मदद नहीं मिली।
इसी बीच उन्होंने संपर्क किया बाल शिक्षा विकास ट्रस्ट के निदेशक डॉ. श्याम सैनी से। और पी जी सेवा संस्थान जोधपुर प्रमोद गौड़ से
डॉ. सैनी ने और प्रमोद गौड़ क़ो मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत प्रभाव से अपनी टीम को सक्रिय किया।
प्रमोद गौड़ और डॉ. राधेश्याम मेघवाल (टी.बी. हॉस्पिटल) जैसे समाजसेवियों के सहयोग से सहायता राशि एकत्रित की गई और महिला का इलाज शुरू करवाया गया।
डॉ. सैनी ने कहा —
“हमारा उद्देश्य यही है कि कोई भी गरीब, मजदूर या जरूरतमंद सिर्फ इसलिए इलाज से वंचित न रहे क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं। ऐसे मामलों में सरकार को भी आगे आकर गवर्नमेंट हॉस्पिटल में गरीब मजदूरों के लिए दवाइयों और ऑपरेशन का खर्च पूर्णतः नि:शुल्क करना चाहिए।”
बाल शिक्षा विकास ट्रस्ट और पी जी सेवा संस्थान जोधपुर लगातार समाज के निचले तबके के लोगों की सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा राहत के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि अगर इच्छाशक्ति और संवेदना हो, तो कोई भी व्यक्ति किसी की जिंदगी बदल सकता है।
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