देवी अहिल्या बाई के 300वे जन्म जयंती उत्सव शहर ही नहीं वरन् देश के गौरव का विषय है : डॉ. भरत शर्मा

देवी अहिल्या बाई के 300वे जन्म जयंती उत्सव शहर ही नहीं वरन् देश के गौरव का विषय है : डॉ. भरत शर्मा

इंदौर (म.प्र.)
इंदौर के राजबाड़ा में वरदा कला संस्थान ने राजवाडा पर देवी अहिल्या बाई होलकर का 300वे जन्म जयंती उत्सव पर वरदा कला संस्थान द्वारा निर्मल अहिल्या स्मरण की प्रस्तुति दी गई ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व लोक सभा अध्यक्ष श्रीमति सुमित्रा  महाजन और विशेष अतिथि संस्कृति मंत्रालय सदस्य डॉ. भरत शर्मा रहे और अध्यक्षता  अहिल्या देवी के वंशज उदयराजे होलकर ने की। दत्त माउली संस्थान के  अण्णा महाराज, विधायक गोलू शुक्ला, समिति सचिव डॉ. माला सिंह ठाकुर, सहज योग  समिति सदस्य अमित गोयल ,पार्षद  डॉ. रुपाली अरुण पेंढारकर विशेष रूप से मौजूद रहे। 
उक्त अवसर पर संस्कृति मंत्रालय सदस्य - डॉ .भरत शर्मा ने कहा कि यह राष्ट्रीय गर्व का विषय है कि इंदौर को आज भी पुण्यश्लोका देवी अहिल्या बाई होलकर का 300वे जन्म जयंती उत्सव पर आज मध्य प्रदेश और अन्य प्रदेशों में हो रहे है। माँ अहिल्या ने भारतीय संस्कृति के रक्षण हेतु देशभर में मंदिरों का निर्माण और जीर्णोद्धार का संकल्प लिया। अपने उदार व्यक्तित्व से जनप्रिय रही और अपने पौरुष का परिचय समय समय पर देकर सबको चौंकाया भी ।

पूर्व लोकसभा स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा तमाम संकटो और उथल - पुथल के बावजूद देवी अहिल्या बाई  अपने कर्तव्यों पर अंतिम समय तक डटी रही , हर बाधा और चुनौती का सामना  किया।

उदय राजे होलकर ने कहा ने कहा कि अहिल्या बाई  को अपने माता - पिता की  ऐसी  पुण्याई  मिली कि  उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पशिम तक वे आज  सब जगह पूजी जा रही है। वे अपने कार्यो से देवी बनी।

डॉ. मालासिंह ठाकुर ने कहा कि यह  स्वाभिमान जागरण का समय है।देवी अहिल्या ने हमें  स्वबोध, स्वाभिमान सिखाया और  सामाजिक  समरसता की सीख दी।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियो का स्वागत शाल, एन श्रीफल और तुलसी के पौधों से किया गया।

भरतनाटयम नृत्य की प्रशिक्षणार्थीयो ने नृत्य नाटिका  निर्मल अहिल्या स्मरण की प्रस्तुति दी। करीब 70 कलाकारों ने अपने अभिनय, संवाद और गीत-संगीत से दर्शकों को एक घंटे तक बांधे रखा। करीब 2 हजार वर्ष से अधिक पुराने भरतनाटयम नृत्य शैली से सजी इस नृत्य  नाटिका ने देवी अहिल्या  के जीवन से जुड़े विविध  प्रसंगो को एक तरह से जीवंत सा कर दिया। शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य और गीत - संगीत से सजी इस नृत्य नाटिका  में देवी अहिल्या का  किरदार भरतनाटयम नृत्य द्वारा बखूबी दर्शाया गया।

 ऐतिहासिक होलकर कालीन इमारत राजवाड़ा के विशाल मंच पर हुई इस नृत्य नाटिका की संकल्पना और निर्देशन कलागुरु श्रीमती श्रुति राजीव शर्मा ने किया था और इसे लिखा श्रावणी जोशी ने। इस मौके पर अभिभावक  श्री आशीष श्रीकांता कचोलिया का सम्मान किया गया। 

अतिथि स्वागत कलागुरु श्रीमती श्रुति शर्मा, डॉ. डी के शर्मा, राजीव शर्मा, डॉ. शुभम जायसवाल, श्रीमती सोनिया पालिया, राशि शर्मा, डॉ. स्मिता तिवारी ने किया। अतिथियों को प्रतीक  चिन्ह विशाल पांडे, डॉ. ओ पी तिवारी, योगेश पचोरी, पूजा हिमांशु शर्मा,   वंदना शास्त्री, आदेश जैन ,कैरोल फाजली , संजीव सिंह  तोमर ने किया। कार्यक्रम का संचालन श्रावणी जोशी ने किया। आभार माना राजीव शर्मा ने।

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