Happy Mother's Day
ममता उसकी सागर जैसी धूप में वो छाँव जैसी जाड़ों में पश्मीने जैसी लगती है बिल्कुल जादूगर जैसी
दुख में बन जाती है वो दीवार सावन में बरसे जैसे कोई फुहार बिना कहे समझ ले दिल के सारे जज़्बात
अधूरी है बिना उसकी हर बात
इस चेहरे का नूर, इसकी मुस्कान है तुमसे मैं, मेरा अस्तित्व, मेरा सारा संसार है तुमसे बस इतनी ही दुआ है मेरी उस रब से
"तू हँसती, मुस्कुराती रहे सदा हर दुख-दर्द से तेरा हौसला हो बड़ा मेरी मुस्कान में तू मुस्कुराए सदा तेरी परछाई के पीछे मैं यूँ ही चलूँ सदा
-मनीषा जायसवाल
कोलकाता