अध्यात्म एक आंतरिक अन्वेषण: जीवन के अर्थ और उद्देश्य को खोजने का मार्ग

अध्यात्म एक आंतरिक अन्वेषण: जीवन के अर्थ और उद्देश्य को खोजने का मार्ग                            

:-डॉक्टर डी आर विश्वकर्मा

मनुष्य के चित्त में अनेक प्रकार की वृत्तियाँ व संस्कारों की तरंगें हिलोरें मारती है,और उसे चंचल बनाये रखती परन्तु अध्यात्म से हमारी वृत्तियाँ सर्वहित में नियोजित होने लगती हैं।चित्त की सीमा का विस्तार होना शुरू हो जाता है,और व्यक्ति शांत,निश्चल,धार्मिक और परोपकारी बनने की दिशा में अग्रसर होने लगता है।अध्यात्म,आस्तिकता अध्यात्मिकता और धार्मिकता के तीन आधारों पर अवलंबित होता है।अध्यात्म शब्द दो शब्दों के युग्मन से बना है।पहला अधि दूसरा आत्मा,जिसका अर्थ होता है,अपनी आत्मा पर अधिकार।आत्मा का परिष्कार ही अध्यात्म का विषय है।भावनाओं का शुद्धिकरण और चैतन्य का विकास ही अध्यात्म की मंज़िल है।अपने अन्दर निरन्तर श्रेष्ठताओं व सद्गुणों का सम्बर्धन अध्यात्म की निरन्तन यात्रा है। यह ऐसा मार्ग है,जो हमें अपने भीतर के आत्म को जानने और परमात्मा से जुड़ने में मदद करता है।यह जीवन के अर्थ,उद्देश्य जीवन को सकारात्मक और बेहतर ढंग से जीने और सांसारिक बंधनों से मुक्ति की खोज है।अध्यात्म जीवन में प्रेम,शांति, खुशी और विवेक की शक्ति प्रदान करता है।अध्यात्म आत्म ज्ञान,आत्म साक्षात्कार,आत्म परिष्कार,आत्म अनुसंधान की प्रक्रिया है। आत्म परिष्कार का अर्थ चैतन्य की विशुद्धतम और विराटतम स्थित में आना होता है।जब कोई व्यक्ति आत्म सुधार की इस अवस्था में आता है;तो शांति की गंगा उसके जीवन में अवतरित होने लगती है।वैसे देखे तो अध्यात्म,तत्व ज्ञान का प्रसंग है,और अंतःकरण की उत्कृष्टता से सम्बन्ध रखता है।
अध्यात्म स्वम् के भीतर गहराई से उतरने और अपनी शक्तियों को समझने का अवसर प्रदान करता है।यह अपने विचारों,भावनाओं और अनुभवों को समझने का भी मौक़ा देता है।यह मानव को अपने सच्चे स्वरूप को पहचानने और अहंकार और बाहरी दुनियाँ के भ्रमों को त्यागने का अवसर प्रदान करता है।यह जीवन को सकारात्मकता के साथ जीने और सत् ,चित, आनंद को खोजने में मदद करता है।यह जीवन को अधिक अर्थपूर्ण एवं रचनात्मक बनाने में सहायक होता है।
गीता में अध्यात्म को मन की एक अवस्था,वास्तविकता का एक स्तर और चेतना के उच्च स्तर तक पहुँचने की प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है।
अध्यात्म के विभिन्न उपकरणों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान ध्यान,योग,प्रार्थना,आत्म चिंतन का होता है।ध्यान,एकाग्रता और अंतर्दृष्टि जिसे त्रिगुणात्मक प्रशिक्षण कहा जाता है;आध्यात्मिक मार्ग पर ले जाने का अत्यन्त कारगर उपाय माना गया है।आत्म परीक्षण,स्वाध्याय,प्रकृति की सानिध्यता,मनीषियों से सम्पर्क इत्यादि अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर होने के माध्यम हैं।जीवन की समरसता और सत् चित आनंद के त्रिवेणी का आनंद तभी मिलता है जब ज्ञान,तप,साधना,आस्था,भक्ति,श्रद्धा और विश्वास की सीढ़ियाँ उतर कर हम आत्मा के अमृत सरोवर में डुबकी लगाते हैं।कहते हैं कि देह और गेह के सारे अर्जन,अर्चन नकली हैं।केवल आत्म का अवलंबन ही असली है।अध्यात्म,जीवन को समरस बनाता है।जीव को जागृत करने की प्रक्रिया जिज्ञासा कहलाती है।इसके बाद जीव उपासना और अंत में साधना में प्रवेश करता है।हमारा अध्यात्मिक ज्ञान जितना प्रखर होगा,उतना ही हम आचरण में उत्कृष्टता अपनायेंगे।अध्यात्मिक ज्ञान अनुभूति के माध्यम से व्यक्ति के हृदय में आविर्भूत होता है,ज्ञान योग,भक्ति योग और कर्म योग से आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त की जा सकती है,जिससे जीवन को बदलने की दिशा मिलती है;आन्तरिक ज्ञान से,उच्च अन्तर्ज्ञान,संवेदनशीलता की ऊर्जा,सहानुभूति,प्रकृति से जुड़ाव,रहस्यवाद के प्रति आकर्षण और अभिव्यक्ति कौशल अध्यात्म से प्राप्त होता है।अध्यात्म से मानसिक शांति और संतुष्टि की प्राप्ति संभव है।अध्यात्म से व्यक्ति अपने विचारों भावनाओं और कर्मों से अधिक परिशुद्ध होने लगता है।इससे भावनात्मक सन्तुलन प्राप्त होता है,जिससे जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।व्यक्ति आशावादी और सकारात्मक होने लगता है।स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक लाभ;जैसे तनाव,चिंता कम होने लगता है।प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होने लगती है।परिवार समाज और मित्रों के साथ स्वस्थ्य सम्बंध विकसित होने लगते हैं।आत्म विश्वास पैदा होने से आत्म सम्मान उत्पन्न होने लगता है,जो व्यक्ति को अधिक सक्षम बनाता है।अध्यात्म जीवन को एक सार्थक दिशा प्रदान करता है।आज के अत्याचार,पापाचार,अनाचार,वैमनस्यता,दंभ,विध्वंस,विघटन,उपेक्षा,क्षोभ,पश्चाताप,काम,क्रोध,मोह,अहंकार,संत्रास,दुःख,पीड़ा और कुंठा से ग्रसित मानव और समाज को मुक्ति दिलाने में अध्यात्म एक कारगर उपाय है।जिसकी सहायता से अनेक समस्याओं का स्थायी समाधान प्राप्त किया जा सकता है ।

लेखक:पूर्व जिला विकास अधिकारी,कई राज्य स्तरीय सम्मानों से विभूषित वरिष्ठ साहित्यकार,ऑल इण्डिया रेडियो का नियमित वार्ताकार मोटिवेशनल स्पीकर,वरिष्ठ प्रशिक्षक,कई पुस्तकों का प्रणयनकर्ता एवं शिक्षाविद है;जिसके नाम से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के,शोध छात्रों को,डॉक्टर डी आर विश्वकर्मा बेस्ट पेपर अवार्ड दिया जाता है।

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