शांति, करुणा और मैत्री के महानायक थे महात्मा बुद्ध : श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच

शांति, करुणा और मैत्री के महानायक थे महात्मा बुद्ध : श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच

 सोनभद्र, उत्तर प्रदेश। 
सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था (पंजीकृत) “श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच” के बैनर तले विश्व को शांति, करुणा, अहिंसा और मैत्री का पाठ पढ़ाने वाले तथागत भगवान बुद्ध के त्रिविध पावनी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भव्य वर्चुअल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न प्रांतों के सुप्रसिद्ध कवि और कवयित्रियों ने कार्यक्रम में शिरकत कर राष्ट्र के सुख समृद्धि और शांति की कामना किए। कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ कार्यक्रम आयोजक श्याम बिहारी मधुर के बुद्ध वंदना से किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रदेश अध्यक्षा राजस्थान प्रोफेसर आशा पंकज मूंदड़ा जी ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अबोहर पंजाब से डॉक्टर रवि घायल ने “जो शांति का पाठ पढ़ाया वह बुद्ध हैं“ सुनाकर कार्यक्रम को अद्वितीय बना दिए।
       कवि सम्मेलन की अगली कड़ी में जम्मू से कवयित्री नेहा कुमारी “तपस्या का स्थान चुना एकांत, अष्टमार्ग का दिया है सिद्धांत”,  राजस्थान से सीमा कालरा “तुम हो वो फुलवारी जिससे आँगन महकता है,
तुम वो सुरीला राग जिससे घर चहकता है”, आर एस मीणा “चलाया है जो कारवां, उसे रुकने मत देना, जलाया है जो दीप उसे बुझने मत देना”, ऋषिकेश उत्तराखंड में प्रियंका भट्ट “मां की गोदी, परियों की कहानियों से मिलवा दे, भाई बहनों संग उन नादानियों से मिलवा दे”, रायपुर छत्तीसगढ़ में मीना भारद्वाज ने नारियों पर अपनी रचना “कौन सी मिट्टी से बनाया है परमात्मा ने नारियों को, ममता त्याग और साहस की मिशाल है नारी”, महाराष्ट्र से नामचीन साहित्यकार राम पंच भाई ने सामाजिक रचना “जरा सा ज़ख्म लगते ही बड़ी आह निकलती है“, सुनाकर पटल को गौरवांवित किया।
      कवि सम्मेलन के अंतिम सोपान में संचालिका प्रोफेसर आशा पंकज मूंदड़ा ने “सेवा और समर्पण का कोई दान नहीं होता, मानव तन पाने से कोई इंसान नहीं होता। मरकर भी जिंदा रहे जो लोगों के दिलों में, उससे बढ़कर महान कोई इंसान नहीं होता”, हरियाणा से प्रदेश अध्यक्षा दीपा शर्मा ने प्रेरक रचना “चुनौती पर्वत से हो, पर अकेले तुम, पग शायद असहाय तुम्हारे, मन से हार न जाना तुम” सुनाकर सभी का दिल जीत लिया।
         संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर विपुल कुमार विवान ने बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभ कामनाएं देते हुए अपनी रचनाओं से महात्मा बुद्ध के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। आयोजक श्याम बिहारी मधुर ने सभी सम्मानित काव्य मनीषियों का आभार व्यक्त कर राष्ट्र के अमन, चैन, शांति, करुणा, अहिंसा और आपसी सौहार्द की मंगल कामना करते हुए कवि सम्मेलन के समापन की घोषणा किया।

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