विश्वकर्मा एकीकरण अभियान के तेइसवां स्थापना दिवस समारोह संपन्न
आजमगढ़ :
विश्वकर्मा एकीकरण अभियान का तेइसवां स्थापना दिवस समारोह दिनांक 08 जून को आजमगढ़ में हरिऔध कला भवन (निकट विकास भवन आजमगढ़ ) में प्रोफेसर वृंद कुमार शर्मा सिविल संकाय बीएचयू वाराणसी के मुख्य अतिथ्य तथा एडवोकेट राजेश विश्वकर्मा उच्च न्यायालय इलाहाबाद, श्री अनिल कुमार विश्वकर्मा शाहजहांपुर , श्री भरत लाल विश्वकर्मा वाराणसी तथा इंजीनियर विनोद कुमार शर्मा सोनभद्र के विशिष्ट आतिथ्य ,में तथा श्री बेचू राम विश्वकर्मा जी एवं श्री शिव मोहन शिल्पकार विश्वकर्मा जी के संयोजकत्व में प्रबुद्ध जनों के साथ प्रभु विश्वकर्मा जी के पूजन के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ कर मनाया गया।
आयोजक मंडल में श्री वीकेंन्द्र विश्वकर्मा जी, श्री मोनू विश्वकर्मा जी ,श्री उमेश विश्वकर्मा जी श्री शिवनारायण शिल्पकार का हृदय से आभार.। अपने उद्बोधन में इंजीनियर विनोद कुमार शर्मा द्वारा विश्वकर्मा महात्म्य ,प्रभु विश्वकर्मा जी का वेदों में वृत्तांत ,विश्वकर्मा समाज के प्राचीन गौरवमयी इतिहास तथा विश्वकर्मा समाज के वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला गया, तथा संकल्प दिलाया गया कि विश्वकर्मा समाज के सर्वांगीण विकास हेतु विश्वकर्मा समाज को एक संस्कृति, विश्वकर्मा संस्कृति की अनुपालना अति आवश्यक है। मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉक्टर वृंद कुमार शर्मा द्वारा समाज में शिक्षा की महत्ता, उच्च शिक्षा ,तकनीकी शिक्षा ,स्वास्थ्य शिक्षा में अभिभावकों के समय एवं धन के इन्वेस्टमेंट के महत्व पर प्रकाश डाला गया तथा शिक्षित होने, संगठित होने एवं संघर्षशील होने के सूत्र को पालन करने ,तथा विश्वकर्मा समाज के पांचों मानस भाइयों मनु, मय, त्वष्टा , शिल्पी एवं दैवज्ञ के एकीकरण एवं सशक्तिकरण हेतु रोटी और बेटी के संबंध पर बल दिया गया। तथा विश्वकर्मा एकीकरण अभियान की स्थापना करने वाले पूर्व आइएएस आदरणीय श्री जे.एन. विश्वकर्मा जी के उच्च सोच को समाज के युवाओं द्वारा आगे बढ़ाने पर बल दिया गया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का श्री बेचू राम विश्वकर्मा जी एवं श्री शिव मोहन शिल्पकार जी द्वारा माल्यार्पण , अंगवस्त्रम, एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री मोनू विश्वकर्मा जी एवं अध्यक्षता श्री रमाकांत ठठेरा द्वारा किया गया।