ग्रामवासी दादा का जीवन देश भक्ति, समाज सेवा और पत्रकारिता को समर्पित : राकेश शरण मिश्र

ग्रामवासी दादा का जीवन देश भक्ति, समाज सेवा और पत्रकारिता को समर्पित : राकेश शरण मिश्र 
(स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ग्रामवासी दादा की 30 वीं  पुण्यतिथि पर दादा के अनुयायियों ने दादा को किया याद)

सोनभद्र। 
प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी,गांधी वादी विचार धारा को अपने जीवन मे आत्मसात करने वाले,भारतीय संस्कृति एवम लोकचेतना के संवाहक,शोषित पीड़ित मजलुमो के लिए आजीवन संघर्ष रत, लोक कल्याण के लिए सदैव समर्पित, सच्चे राष्ट्रभक्त, कर्मयोगी,युग पुरुष,युगद्रष्टा , धर्मपरायण तथा दया,करुणा और सहिष्णुता के सच्चे पोषक पत्रकारिता के स्तम्भ, उच्च विचार व सादगी की प्रतिमूर्ति, जिनका जीवन हम सभी के लिए सदा प्रेरणास्रोत हैं जो अदम्य साहस व मजबूत संकल्प शक्ति प्रतीक गौवध,मदिरा, लाटरी(जुआ), अश्लील प्रदर्शन,के प्रखर विरोधी और हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा देने के लिए जीवन भर लड़ाई लड़ने वाले वनवासी सेवा आश्रम की सन 1954 में स्थापना करने वाले, ग्रामवासी पत्रिका का सन 1923 प्रकाशन आरम्भ करने वाले संस्थापक संपादक , सन 1952 से 1957 तक जनपद सोंनभद्र के दुद्धी क्षेत्र के प्रथम विधायक पंडित ब्रजभूषण मिश्र "ग्रामवासी" जी महामानव को उनकी 30 वीं पुण्यतिथि पर ना केवल अपने तरफ से बल्कि उनके महान विचारों के समर्थक राष्ट्रभक्त सोनभद्र जनपद सहित सभी देशवासियों की तरफ से उनको कोटि कोटि नमन करता हूँ और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ उक्त बाते ब्रजभूषण मिश्र ग्रामवासी जी की 30 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बुधवार को चोपन सोन नदी के तट पर स्थित ग्रामवासी सेवा आश्रम के प्रशांत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवम सोन साहित्य सोनभद्र संगम के संयोजक पत्रकार राकेश शरण मिश्र ने कही।
  कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवम आमंत्रित अतिथियों द्वारा ग्रामवासी दादा जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित एवम पुष्प अर्पित कर के गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज सेवी एवं नशा मुक्त समाज का संकल्प लेकर नशा मुक्ति अभियान में दिन रात कार्य करने वाले अखिलेश कुमार पांडेय ने किया और कार्यक्रम का सफल संचालन ग्रामवासी सेवा आश्रम चोपन के संयोजक राजेश अग्रहरी ने किया। 
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित सोनभद्र के जाने- माने कवि साहित्यकार दिवाकर दिवेदी मेघ विजयगढ़ी ने ग्रामवासी दादा को याद करते हुए उनके साथ बिताए स्मृतियों को साझा करते हुए दादा के ऊपर लिखी एक कविता सुनाई और कहा कि ग्रामवासी जी का जीवन अनुकरणीय एवम वंदनीय है। वही कार्यक्रम में पत्रकार एवं अधिवक्ता संजीव कुमार श्रीवास्तव  ने कहा कि दादा जी के बारे में जितना कहा जाए कम है क्योंकि दादा जी का जीवन देश और समाज के लिए पूर्ण रूप से समर्पित था।
समाज सेवी जनार्दन बैसवार ने कहा कि दादा जी ने इस क्षेत्र के लिए जो काम किया है वो कोई दूसरा कभी नहीं कर सकता है और मैं उनको आज उनकी पुण्य तिथि पर नमन करते हुए अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
इसी प्रकार कार्यक्रम में आए अतिथियों में मुख्य रूप से पत्रकार संतोष मिश्र, संदीप जायसवाल,राजीव कुमार पांडेय,सदाफल निषाद,रमेश शर्मा,निशु यादव,महेंद्र केशरी,विभा पटेल,मनमोहन निषाद,विनीत शर्मा,जितेंद्र पासवान सहित तमाम लोगों ने  अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारत मां का सच्चा सपूत और महान सपूत बताया।
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षता करते हुए अध्यक्षता कर रहे अखिलेश कुमार पांडेय जी ने कहा कि मैं कार्यक्रम में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करता हूं और अपील करता हूं कि दादा जी के पांचों सूत्रों को अपने जीवन में धारण करते हुए देश और समाज के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन करें।साथ ही उन्होंने कहा कि मैं उनकी पुत्री शुभाषा मिश्रा जी को भी नमन करता हूँ जो उनके जीवन यात्रा के प्रत्येक कालखंड की उपलब्धियों को संग्रहित कर सजोने और संवारने का ना केवल काम कर रही हैं परंतु आज की युवा पीढ़ी को उनके उच्च आदर्शों को अपना कर अपने जीवन को अवलोकित करने के लिए सामग्री भी उपलब्ध करा रही है।कार्यकम के अंत में राष्टगान गाकर कार्यकम का समापन किया गया।

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