धान रोपाई गीत

धान रोपाई गीत 
सावन क पावन महीना सुहावन,
रिमझिम    बरसे    फुहार   हो।
चला    सखी   चलीं   धान  रोपे, 
मंद - मंद बहे सावनी बयार हो।।

कवि - गौतम विश्वकर्मा 
          सुकृत- सोनभद्र 

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