युवा मिसाइल मैन प्रखर का अटूट विश्वास बनीं वाराणसी की साइकोलॉजी की छात्रा सुहानी विश्वकर्मा, उप्र में विकसित होगी देश की पहली रियूजेबल मिसाइल "राम"

युवा मिसाइल मैन प्रखर का अटूट विश्वास बनीं वाराणसी की साइकोलॉजी की छात्रा सुहानी विश्वकर्मा, उप्र में विकसित होगी देश की पहली रियूजेबल मिसाइल "राम"

वाराणसी :
 उत्तर प्रदेश ने रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने की तैयारी कर ली है। युवा वैज्ञानिक और इनोवेटर प्रखर विश्वकर्मा ने अपनी क्रांतिकारी मिसाइल 'प्रोजेक्ट "राम" को पूरी तरह से उत्तरप्रदेश की धरती से ही पेटेंट कराने और विनिर्माण करने का संकल्प लिया है। यह घोषणा 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के लिए एक मील का पत्थर है, और इसकी सफलता के पीछे प्रखर की समर्थक, वसंत कॉलेज फॉर वुमेन, वाराणसी की बीए साइकोलॉजी छात्रा सुहानी की अटूट प्रेरणा और समर्थन की कहानी छिपी है।
प्रोजेक्ट "राम" भारत के रक्षा बेड़े को एक अभूतपूर्व क्षमता प्रदान करने का वादा करता है। इसकी विशिष्टताएँ इसे वैश्विक स्तर पर अद्वितीय बनाती हैं।

विशेषता विवरण :-
रियूजेबल (पुनः उपयोग योग्य) - यह भारत की पहली मिसाइल है जो हमला करने के बाद सफलतापूर्वक अपने लॉन्च स्थल पर वापस लौट सकती है, जिससे रक्षा लागत में भारी कटौती होगी।
हाइब्रिड तकनीक - यह मिसाइल और जेट टेक्नोलॉजी का एक अनूठा संयोजन है, जो इसे लंबी दूरी और जटिल ऑपरेशन में बेहतर नियंत्रण और पैंतरेबाज़ी की शक्ति देता है।
इस मिसाइल का पेटेंट और विनिर्माण पूरी तरह से उत्तर प्रदेश में होगा, जिससे प्रदेश रक्षा गलियारे का मुख्य केंद्र बनेगा।

प्रोजेक्ट 'राम' और सुहानी विश्वकर्मा का कनेक्शन :- 

प्रखर विश्वकर्मा ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस अत्यंत महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को साकार करने का साहस उन्हें सुहानी से मिला। बता दे कि सुहानी विश्वकर्मा वाराणसी के पांडेयपुर की रहने वाली है और वर्तमान में कॉलेज की पढ़ाई कर रही है।
प्रखर विश्वकर्मा ने बताया कि तकनीकी रूप से यह प्रोजेक्ट बहुत जटिल है। जब भी मैं चुनौतियों से घिरा और हतोत्साहित महसूस करता था, तब सुहानी विश्वकर्मा मेरी सबसे बड़ी सहारा बनी। साइकोलॉजी की छात्रा होने के नाते, उसने मेरे मानसिक दृढ़ संकल्प को मजबूत किया और मुझे यह विश्वास दिलाया कि मैं उत्तर प्रदेश से ही इस वैश्विक इनोवेशन को शुरू कर सकता हूँ। प्रोजेक्ट "राम" का तकनीकी आधार मेरा है, लेकिन इसकी प्रेरणा और भावनात्मक नींव सुहानी की है। उसने मुझे इस रियूजेबल मिसाइल की तरह ही बार-बार वापसी करने का हौसला दिया।

प्रखर विश्वकर्मा का यह कदम केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे सही प्रेरणा और स्थानीय सहयोग, राष्ट्रीय महत्व के सबसे बड़े सपनों को भी साकार कर सकते हैं। यह प्रोजेक्ट युवाओं को इनोवेशन के लिए प्रेरित करने वाला एक उज्जवल उदाहरण है।

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