राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा 'नो मोर पाकिस्तान' पर हुआ व्याख्यान

 राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा 'नो मोर पाकिस्तान' पर हुआ व्याख्यान

प्रयागराज : 
       राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच प्रयागराज चैप्टर के बैनर तले हिन्दुस्तानी अकादमी सभागार में 'नो मोर पाकिस्तान' विषयक विचार गोष्ठी सम्पन्न हुई। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी (पूर्व कुलपति- काशी हिंदू विश्वविद्यालय) ने कहा कि आज वह समय है, जब सुरक्षा, मानवता, मानव कल्याण, संस्कृति तथा अस्मिता की आजादी के लिए मदद में सभी को खड़े होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज चन्द्रशेखर आजाद जैसे शहीदों की धरती है, जिनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्र-निर्माण के कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। यह वैचारिक श्रृंखला निश्चित रूप से रंग लाएगी और हम सब कामयाब होंगे।
       मुख्य अतिथि गोलोक बिहारी राय ने कहा कि यह राष्ट्रव्यापी विचार-श्रृंखला पाकिस्तान की उपनिवेशवादी नीति, कट्टरपंथ, आतंकवाद, मानवाधिकार उल्लंघन और क्षेत्रीय व वैश्विक स्थिरता पर बढ़ रहे दुष्प्रभाव को विश्व पटल पर उजागर करने तथा उपेक्षित अस्मिताओं को नैतिक बल प्रदान करने का प्रयास है। इस अभियान के तहत पाकिस्तान द्वारा दशकों से दबाए जा रहे पश्चीनिस्तान, वजीरिस्तान, सिंधु देश, सरायिस्तान, मुहाजिरिस्तान और बलूचिस्तान की अस्मिताओं और उनके स्वतंत्रता-आंदोलन को नैतिक समर्थन प्रदान किया जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान सेना और सत्ता द्वारा इन क्षेत्रों में किए जा रहे दमन, अत्याचार और नश्लकोसी को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष उजागर करना हमारा नैतिक दायित्व है। यह सभ्य समाज और वैश्विक शांति की रक्षा का व्यापक आन्दोलन है, जिसे हमें जारी रखना चाहिए। 
         मुख्य वक्ता श्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सिविलाइजेशन, सभ्यता, संस्कृति, अस्मिता, मानव-मूल्य आदि के लिए आवाज उठाना कोई गुनाह नहीं है। पाकिस्तान द्वारा अपने देश की अनेक क्षेत्रीय अस्मिताओं व उनकी स्वतंत्रता को दबाया जा रहा है। हमारा अभियान वैश्विक संस्थाओं के सामने पाकिस्तान की दोहरी नीतियों को उजागर  करना है। विशिष्ट अतिथि डॉ. राजेश कुमार तिवारी ने पूछा कि क्या मानवता विरोधी कट्टरपंथी ढाँचे और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पाकिस्तानी सत्ता को वैश्विक सहायता मिलनी चाहिए? पीओके, गिलगित, बलूचिस्तान पर अवैध कब्जे को इन चर्चाओं व संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से उठाया जा रहा है। इन क्षेत्रों में भारत के साथ पुनः जुड़ने की जो सामाजिक पुकार उठ रही है, उसका समर्थन करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। श्री विंध्यवासिनी त्रिपाठी ने कहा कि हम सब राष्ट्र-निर्माण की वैचारिक श्रृंखला में अपना योगदान करें, यही इस वैचारिक कार्यक्रम का तात्पर्य है।
       यह कार्यक्रम देश के इक्कीस राज्यों में चलाए जा रहे व्यापक जन जागरण अभियान के तहत चौंतीसवाँ व्याख्यान था, जो प्रयागराज में सम्पन्न हुआ, जिसमें सैकड़ो लोग शामिल हुए। कार्यक्रम का संयोजन आशुतोष मिश्रा तथा डॉ. संजय कुमार भारती ने किया। शुभारम्भ अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन तथा राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के साथ हुआ।  
     कार्यक्रम में डॉ. विधु शेखर पाण्डे, श्याम सुंदर सिंह पटेल, डॉ. संतेश्वर कुमार मिश्र, डॉ. आदिनाथ, पी.वी. सिंह, लेखराज सिंह, डॉ. संतोष कुमार शुक्ला, डॉ. बालेन्द्र शुक्ला, नवल तिवारी आदि का सराहनीय सहयोग रहा। संचालन अखिलेश शर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रतिमा मिश्रा ने किया। राष्ट्रगान तथा भारत माता की जय के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ

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