महिलाओं और किशोरियों को मिले स्वास्थ्य सुविधायें।

नौगढ़ (चंदौली)
        ग्राम्या संस्थान द्वारा 28 मई, जो की  महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस व माहवारी स्वच्छता प्रबंधन दिवस के रूप में मनाया जाता है , जो की महिलाओं यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों की वकालत करता है जिसकों दुनिया भर में विभिन्न तरीकों से स्मरण किया जाता है/ मनाया जाता है।
आज इस दिवस के मौके के पूर्व संध्या पर  उत्तर प्रदेश के विभिन्न  मंचों , संगठनों , नेटवर्क आदि की ओर से माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वस्थ्य व परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश , मिशन निदेशक NHM उत्तर प्रदेश, महानिदेशक परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश,  महानिदेशक स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश को मेल के माध्यम से पत्र भेज कर मांगे की गई है-
अनुशंसा/ मांगे-
प्रजनन व मातृत्व  स्वास्थ्य के अंतर्गत, प्रसवपूर्व, प्रसव सेवाये और प्रसवोत्तर देखभाल सेवाओं को सुचारू व नियमित रूप से उपकेन्द्र से लगाकर जिला अस्पताल स्तर तक क्रियाशील की जाए साथ ही VHND को क्रियान्वित कर वहां मिलने वाली सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाये!
 गर्भनिरोधक साधनों के बारे में जानकारी और सेवाएं, जिसमें आपातकालीन गर्भनिरोधक भी शामिल है को समुदाय के जरूरतमंद लोगों तक पहुचाया जाए साथ ही MTP कानून के तहत जानकारी और सेवाएं दी जाये तथा गर्भपात के बाद की देखभाल को सुनिश्तित किया जाये तथा समुदाय को इस बात की जानकारी दी जानी चाहिए कि वह सुरक्षित गर्भपात की सेवा किन किन  स्वास्थ्य सुविधाओं से से प्राप्त कर सकते हैं जिसको लेकर IEC/ पेपर/ TV आदि के माध्यम से विज्ञापन भी दिए जाएँ !
 102 न० एम्बुलेंस को केवल व केवल प्रसव , प्रसव उपरांत देखभाल  व आवस्यकता अनुसार महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात हेतु उपयोग किया जाये।
       यह भी सुनिश्चित किया जाये कि आवश्यक प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता के लिए पर्याप्त धनराशि समय पर जिले व ब्लाक स्तर पर उपलब्ध होना सुनिश्चित करना जिससे की सेवाएं विशेष रूप से सामाजिक रूप से वंचित समूहों के लिए बाधित न हो।
 सुनिश्चित करें कि प्रजनन स्वास्थ्य सुविधाएं आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान को संचालित करने और जारी रखने में सक्षम है तथा महिलाओं व लड़कियों को गुणवत्तापरक , सम्मानजनक स्वास्थ्य देखभाल  मिले तथा किसी के साथ स्वास्थ्य सेवा में  भेदभाव, जबरदस्ती या हिंसा न शामिल हो !
 बेहतर स्वास्थ्य की जवाबदेही के लिए प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी , ऑनलाइन या टोल फ्री के माध्यम से शिकायत हेतु प्लेटफोर्म तैयार करना व और समय पर समाधान करना  तथा स्वास्थ्य प्रणाली की निगरानी के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करते हुए बढ़ावा देना व, शिकायत निवारण व्यवस्था को क्रियाशील व आम लोगों की पहुच योग्य बनाना!
 स्क्रीनिंग, परामर्श और फालोअप  के लिए टेलीहेल्थ और वर्चुअल या इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्मों के उपयोग के माध्यम से आवश्यक प्रजनन स्वास्थ्य जानकारी और सेवाओं (मानसिक स्वास्थ्य पहलू सहित ) के प्रावधान पर वैकल्पिक दृष्टिकोण को देखना चाहिए !
निजी क्षेत्र  को विनियमित करते हुए  कीमतों को मानकीकृत किया जाय व सामान्य व तात्कालिक स्वास्थ्य सेवा देंने के लिए निर्देशित किया जाये!
उम्मीद की जाती है की राज्य सरकार / विभाग के सम्बंधित अधिकारी उपरोक्त मांगों पर अबिलम्ब कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
हस्ताक्षर-
महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच उत्तर प्रदेश
हेल्थवाच फोरम
                      
                -मदन मोहन की रिपोर्ट 
                    

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