महाष्टमी/ महागौरी

महाष्टमी/ महागौरी
दिन आठवां नवरात्रि का,महागौरी  की पूजा आज,
पाप नाशिनी महागौरी,सुख शांति का छिपा राज।

किया तपस्या गौरी माँ ने,तभी मिला शिव का वरदान, 
सीता ने की गौरी पूजा,तभी मिले थे उनको राम।

मुक्ति प्रदान करें माता,अर्चना में खुशियाँ समायी , 
श्वेत वर्ण महागौरी,पूजा करना अति फलदायी।

धन ,ऐश्वर्य प्रदायिनी माता,सर्वदा उनकी जय हो, 
भक्तों हेतु अन्नपूर्णा,शरणागतों का पाप क्षय हो।

मंगलदायिनी महागौरी,माँ करती सबका कल्याण, 
शरणागत वत्सला माते,निज भक्तों का रखें ध्यान।

उज्जवल वर्ण माँ का,धवल वस्त्रधारी, 
संगीत प्रिय देवी,वृषभ की करती सवारी। 

मानसिक,सांसारिक,ताप हरण करने वाली, 
कर कठिन तपस्या ,गौर वर्ण प्राप्त करने वाली।

जब हों कष्ट में माँ तेरे भक्त,सबका उद्धार करे, 
भवसागर में फंसे हैं माँ,अब तु ही नैया पार करे।

 कवि चंद्रकांत पांडेय,
 मुंबई, महाराष्ट्र,

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