लिपिक संवर्ग के कार्मिकों की भूमिका विभागों में महत्वपूर्ण : डॉ दयाराम विश्वकर्मा
(ग्राम विकास विभाग के लिपिक संवर्ग का तीन दिवसीय जनपद स्तरीय प्रशिक्षण सत्र का समापन)
वाराणसी :
लिपिक संवर्ग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका किसी भी विभाग में बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इनके पटल पर सबसे ज्यादा और जरूरी अभिलेखीकरण का कार्य संपादित होता है उक्त बातें जिला ग्राम्य विकास संस्थान परमानन्दपुर में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित "ग्राम विकास विभाग के लिपिक संवर्ग" का तीन दिवसीय जनपद स्तरीय प्रशिक्षण सत्र के दौरान रिटायर्ड जिला विकास अधिकारी डॉ दयाराम विश्वकर्मा ने अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने प्रशिक्षुओं को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली- 1999, प्रारंभिक एवं औपचारिक जांच, जांच प्रक्रिया, जांच आख्या तैयार करना आदि विषयों पर जानकारी दी। वहीं प्रशिक्षुओं को आयकर की गणना, भविष्य निर्वाह निधि, जीपीएफ/ईपीएफ आदि के बारे में प्रशिक्षक निसार अहमद द्वारा जानकारी दी गई।
जिला प्रशिक्षण अधिकारी विमल कुमार सिंह ने प्रशिक्षण सत्र के समापन अवसर पर प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम जिस भी कार्यक्षेत्र में है वह पर पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ तनाव मुक्त रहकर कार्य करें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीन दिवसों में प्रतिभागियों को अधिष्ठान सम्बन्धी नियम, पत्राचार, कार्यालय आदेश, पत्रावलियों का रखरखाव, सूचना का अधिकार अधिनियम-2005, मानव संपदा पोर्टल, जेम पोर्टल, सामग्री क्रय सम्बन्धी नियम, ऑडिट आपत्तियों का निस्तारण व व्यक्तित्व विकास आदि विषयों पर प्रशिक्षकों द्वारा जानकारी दी जाएगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद वाराणसी के विभिन्न विभागों से लिपिक संवर्ग के नामित से 26 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस अवसर पर ज्येष्ठ अनुदेशक संजय कुमार, सुरेश तिवारी, रिटायर्ड सीडीओ हीरालाल, शिवप्रकाश, प्रेमप्रकाश कुलश्रेष्ठ, ज्योति सिंह, डॉ गीता यादव, रितु सिंह, रुपेश उपाध्याय, श्वेता द्विवेदी, सुनील सिंह, मनीष कुमार, विशाल सिंह, वसीम अब्बास, अवधेश कुमार, दुर्गा प्रसाद, ज्ञानतोश, विवेक कुमार, शहनाज बेगम, अमितेश, रोहित कुमार, अरविंद, रितेश, नित्यानंद, अनिल कुमार, संतोष कुमार, संगीता सिंह आदि की उपस्थिति रही।
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